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वारेन बुफे: जीवनी-वाचन

आयुष नलवाया, कक्षा १०वीं B

महान लोग मेरे आदर्श हैं | उनकी जीवनियों का वाचन मेरा मार्गदर्शन करता है | मेरे लिए जीवनी पढने का मूल कारण यह है की उन लोगों में ऐसा क्या था कि सारी दुनिया उन्हें पूजती है| वे महान कैसे बने? 
अभी हाल ही में मैंने श्रीमान वारेन बुफे की जीवनी पढ़ी| इनकी जीवनी अत्यंत ही रोचक एवं प्रभावशाली है| 
वारेन बुफे का जन्म अमेरिका के एक छोटे से गाँव में हुआ, और इनके परिवार की आर्थिक स्थिति भी कुछ अच्छी नहीं थी| किशोरावस्था में इन्होने ‘कोका-कोला’ की बोतल बेचकर पैसा कमाया| इन पैसों से इन्होने बहुत छोटी उम्र में ही एक छोटा सा खेत खरीद लिया| इन्होने शेयर बाज़ार में भी काफी रूचि दिखाई| बहुत संघर्ष और मेहनत के बाद, इन्होने एक उद्योग स्थापित किया जिसका नाम है बर्कशायर हैथवैस | इसके बाद तो इनकी किस्मत ऐसी पलटी कि देखने वाले देखते ही रह गए| आज की तारीख़ में इनकी कंपनी एक ६३ कम्पनियों का समूह है| ये दुनिया के दूसरे सबसे अमीर आदमी भी रह चुके हैं|
इनकी सादगी और सरलता ही इनके सबसे बड़े गुण हैं| इतना पैसा होने के बावजूद ये अपने पुराने तीन कमरे के मकान में ही रहते हैं| न ही इनके पास कोई ड्राइवर है और न ही कोई सुरक्षाकर्मी| ये अपने सारे कर्मचारियों को यही बताते हैं की जो काम करो, पूरी निष्ठा के साथ करो और अपने लक्ष्य की ओर निरंतर मेहनत करते रहो| दानवीरों की सूची में ये हर बार प्रथम स्थान पर रहते हैं|
मेरा यह मानना है कि ऐसी जीवनियाँ पढने से हमारा मनोबल बढ़ता है और हम अपने लक्ष्य के प्रति अधिक एकाग्रचित्त हो जाते हैं| फ़िज़ूल की पत्रिकाएं पढने से बेहतर है कि हम ऐसे लोगों के जीवन के बारे में पढ़ें| ऐसे महान लोगों की जीवनियों में उनके अनेक अनुभव एवं दैनिक दिनचर्या का भी बखान होता है जिन्हें हम अपने निजी जीवन में अपना कर उसे और बेहतर बना सकते हैं|

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