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एक रावण भी जरूरी था।

Author: Parth Upadhyay, Class X D

एक रावण भी जरूरी था सदा संसार में।
जिसने अपनों को नहीं छोड़ा कभी मझधार में ।।
शिवभक्त ऐसा नसें काटी बना दी वीणा ।
हर मुश्किल घड़ी में सिखाया ज्ञान से जीना ।।

वीर ज्ञानी और था विद्‌वान भी सम्भ्रान्त था
धर्म का ज्ञाता अनेकों गुण सहित विद्‌वान था ।
एक रावण भी जरूरी था सदा संसार में ……..

शौर्य ऐसा था प्रभू को मारने आना पड़ा।
विश्व ने देखा महासंग्राम था भीषण बड़ा
धर्म का साधक रहा दुश्मन की भी सेवा करी
छोड़ कर भ्राता गया ना, युद्ध में देरी करी।
एक रावण भी जरूरी था सदा संसार में…..

नौ ग्रहों को वश में करके देवता जीते सदा।
राम को श्रीराम जिसने ही बनाया सर्वदा ।।
पाया था अमृत उसी ने वेद का ज्ञाता रहा
-श्रीराम ने भी लक्ष्मण को सीखले उससे कहा।

एक रावण भी जरूरी था सदा संसार में…..

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